हरियाणा

RTI Act 2005 का असर दस रुपये फीस का आवेदन 10 हजार KM दूर ऑस्ट्रेलिया (विदेश) तक हड़कंप मचा।

सत्य ख़बर,चंडीगढ़, सतीश भारद्वाज:

आम आदमी का अधिकार आरटीआई एक्ट 2005 ने देश के विदेश मंत्रालय से लेकर विदेश के सिडनी ऑस्ट्रेलिया तक हड़कंप मचा दिया। जिससे कई महीनो से लटका पासपोर्ट तुरंत आवेदक के घर भिजवा दिया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने हरियाणा के पानीपत शहर से सिर्फ दस रुपये आवेदन शुल्क देकर ऑनलाइन आरटीआई लगाई तो तुरंत इसका असर 10,500 किलोमीटर दूर सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) विदेश तक हुआ । आरटीआई लगते ही पिछले साढ़े तीन महीने से सिडनी आस्ट्रेलिया के भारतीय दूतावास में नए पासपोर्ट के लिये जो आवेदन लटका था वो पासपोर्ट भारतीय दूतावास ने तत्काल बना दिया। जबकि जरूरी पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट भी भारत से नहीं मंगवाई,
पीपी कपूर ने बताया कि सिडनी ऑस्ट्रेलिया में रह रहे उनके बेटे अमन कपूर ने भारतीय दूतावास मे अपने नए पासपोर्ट के लिये गत 2 जुलाई को आवेदन किया था ।

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जोकि नियमानुसार वहाँ आवेदन करने के आठ सप्ताह में मिल जाना था । आरोप लगाया कि सिडनी में भारतीय कॉनसुलेट जनरल की कार्य शैली भारत में दफ्तरों से भी बदतर है,कोई वली वारिस नहीं, सब कुछ राम भरोसे चल रहा है, भारतीय कॉनसुलेट जनरल के एमरजेंसी नंबर के फोन को कोई पिक ही नहीं करता, ईमेल का कोई जवाब नहीं देता ।
दूतावास के ऑफिस जाओ तो वहाँ पाँच बजे से पहले ही अधिकारी ताला लगा कर खिसक जाते हैं । पहले तो उम्मीद थी कि समय से पासपोर्ट मिल जायेगा । लेकिन आवेदन के बाद जब दो महीने भी बीत गये तो अमन को चिंता हुई । क्योंकि उसको इंडिया आना है और पासपोर्ट है नहीं । और कई पीड़ित भारतीय नागरिकों ने भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर कमेंट्स लिखे हुए थे कि ये तो छह छह महीने तक पासपोर्ट बारे कोई सुनवाई नहीं करते,कोई कॉल पिक नहीं करते लोग यूँ ही धक्के खाते रहते हैं ।

जिसपर कपूर ने नया पासपोर्ट बनाने में अनावश्यक विलम्ब से हो रही भारी परेशानी को देख कर गत 04 अक्टूबर 2024 को एक आरटीआई विदेश मंत्रालय भारत सरकार,दिल्ली में लगा कर अपने बेटे अमन कपूर के पासपोर्ट आवेदन पर की गई कारवाई और वर्तमान स्तिथि बारे सूचना मांगी। जिसे विदेश मंत्रालय द्वारा इस आरटीआई आवेदन को एक्ट की धारा 6 (3) के तहत 8 अक्टूबर को सिडनी स्थित भारतीय कॉनसुलेट जनरल में ट्रांसफर करते ही वहां हड़कंप मच गया । सिडनी में भारतीय कॉनसुलेट जनरल के वाईस कॉनसुलेट रमनिक सिंह ने 09 अक्टूबर को ही पासपोर्ट पर हस्ताक्षर करके आनन फानन में भारत से आवश्यक पुलिस वेरिफिकेशन करवाए बिना ही 17 अक्टूबर को नया पासपोर्ट बना कर कूरियर से अमन कपूर के घर पहुंचा दिया। जिससे आप यही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकारी विभागों में बगैर कार्रवाई किए कुछ भी काम होना असंभव है।

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